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‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ 2025 में राजस्थान करेगा वैश्विक नेताओं और विशिष्ट प्रवासी सदस्यों का स्वागत
उद्योग जगत के अग्रणी नेता अनिल अग्रवाल और हरिमोहन बांगुर होंगे ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ में शामिल, राजस्थान करेगा बिजनेस टाइटन्स अशोक पाटनी और दीपाली गोयनका का स्वागत

जयपुर, 16 नवंबर। माननीय मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार आगामी 10 दिसंबर को जयपुर में प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 का आयोजन करने जा रही है। यह राज्य-स्तरीय उत्सव वैश्विक राजस्थानी समुदाय, उनकी उपलब्धियों और मातृभूमि के साथ उनके संबंधों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। यह आयोजन विचारों, विरासत और सहयोग का एक विशाल संगम प्रस्तुत करेगा, जिसमें दुनिया भर से प्रभावशाली प्रवासी राजस्थानी शामिल होंगे।

इस अवसर पर उद्योग, नीति-निर्माण, नवाचार, शिक्षा, कला एवं संस्कृति, उद्यमिता और सामाजिक सरोकार जैसे विविध क्षेत्रों के विश्व प्रसिद्ध नेता, नीति विशेषज्ञ, नवाचारी, शिक्षाविद, सांस्कृतिक हस्तियाँ और समाजसेवी उपस्थित रहेंगे।

कार्यक्रम में दुनिया भर में अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय पहचान बना चुके अनेक प्रतिष्ठित लीडर्स शामिल होंगे। विशिष्ट अतिथियों में वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, श्री सीमेंट के चेयरमैन हरी मोहन बांगुर तथा आर.के. मार्बल एवं वंडर सीमेंट के चेयरमैन अशोक पाटनी शामिल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इसके साथ ही वेलस्पन इंडिया लिमिटेड की सीईओ श्रीमती दीपाली गोयनका, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्री संजय अग्रवाल और जेके सीमेंट के संयुक्त प्रबंध निदेशक श्री माधव सिंघानिया भी आयोजन में शिरकत करेंगे।

कार्यक्रम में हिंदुस्तान ज़िंक की चेयरपर्सन श्रीमती प्रिया अग्रवाल, बिकाजी फूड्स इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक दीपक अग्रवाल और आनंद समूह की चेयरपर्सन श्रीमती अंजलि सिंह भी शामिल होंगी।

इसके अतिरिक्त, तितागढ़ रेल सिस्टम्स के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी, वोल्वो ग्रुप इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष कमल बाली, ईज़ मायट्रिप के सीईओ एवं सह-संस्थापक रिकांत पिट्टी, मोतीलाल ओसवाल एंड कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मोतीलाल ओसवाल तथा केईआई लिमिटेड के चेयरमैन अनिल कुमार गुप्ता भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। उनकी उपस्थिति वैश्विक राजस्थानी समुदाय के राज्य के प्रति विश्वास, गर्व और गहरे संबंधों को अभिव्यक्त करेगी।

राज्य सरकार ने इस अवसर पर एक दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य और जल संरक्षण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित सेक्टोरल सत्र शामिल होंगे। इन सत्रों में विकास, नवाचार और निवेश पर सार्थक चर्चा होगी। इसके साथ ही, एक विशेष एनआरआर राउंडटेबल का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य प्रभावशाली प्रवासी राजस्थानियों के साथ दीर्घकालिक सहयोग, मेंटरशिप को बढ़ावा देना और वैश्विक संपर्कों का निर्माण करना है, जिससे राजस्थान के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान हो सके।

कार्यक्रम की महत्ता को और बढ़ाते हुए, इस अवसर पर प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। ये पुरस्कार उन प्रख्यात प्रवासियों को समर्पित होंगे जिन्होंने व्यवसाय, कला और परोपकार के क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है और जो राजस्थान की विरासत एवं मूल्यों को विश्वभर में गर्व के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।

विचार-विमर्श, सांस्कृतिक अनुभवों और वैश्विक सहभागिता के इस अद्वितीय मिश्रण के साथ, प्रवासी राजस्थानी दिवस 2025 प्रवासी समुदाय की उपलब्धियों का सार्थक उत्सव बनकर उभरेगा और साझेदारी एवं प्रगति के नए मार्ग खोलेगा।

पुलिस ने लगभग 5.43 लाख लोगों को यातायात नियमों के प्रति किया जागरूक
तेज गति से वाहन चलाने पर 55 हजार से अधिक वाहन चालकों के विरुद्ध हुई कार्रवाई - परिवहन विभाग ने किए 21 हजार से अधिक वाहनों के चालान, 1124 वाहन...

जयपुर, 16 नवम्बर। राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सड़क सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 4 से 18 नवम्बर तक प्रदेशव्यापी 15 दिवसीय सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है, साथ ही उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई भी की जा रही है।

– पुलिस विभाग ने बिना नंबर प्लेट वाहन चलाने पर 20419 लोगों के खिलाफ की कार्रवाई

यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर राज्य में लगातार सख्त कार्रवाई हो रही है। सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत पुलिस विभाग ने 4 से 15 नवंबर तक शराब पीकर वाहन चलाने पर 7971 , तेज गति से वाहन चलाने पर 55 हजार 717, गलत दिशा में वाहन चलाने पर 39 हजार 940, खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 3505, बिना रिफ्लेक्टर वाहन चलाने पर 11 हजार 387 तथा बिना नंबर प्लेट वाहन चलाने पर 20 हजार 419 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस दौरान 5 लाख 43 हजार 518 नागरिकों को यातायात नियमों एवं सुरक्षित ड्राइविंग के प्रति जागरूक किया गया है।

प्रदेश के विभिन्न राजमार्गों पर एनएच-48 मॉडल के अनुरूप लेन ड्राइविंग सिस्टम लागू करने के लिए पुलिस जाप्तों से प्रचार-प्रसार किया गया। साथ ही, लेन ड्राइविंग सुनिश्चित करने के लिए पुलिस टीमें तैनात रहीं और नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई।

– परिवहन विभाग ने किए 21000 से अधिक वाहनों के चालान, 121 वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द

सड़क सुरक्षा अभियान के तहत परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने राज्य में नियमों का उल्लंघन करने पर अब तक (15 नवंबर तक) कुल 21695 वाहनों के चालान किए हैं। इसमें मालवाहक वाहनों पर ओवरलोडिंग के 1338, इन वाहनों में यात्री पाए जाने पर 427 तथा अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर 14875 मालवाहक वाहनों के चालान किए गए। यात्री वाहनों में क्षमता से अधिक यात्री पाए जाने पर 222, छत पर सामान रख संचालन करने पर 44 बसों तथा अन्य नियमों का उल्लंघन करने पर 2671 यात्री वाहनों का चालान किया गया है। परिवहन विभाग ने 449 व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त तथा 121 वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं। इस दौरान 1124 वाहनों को सीज किया गया है तथा 57 वाहनों के परमिट भी कैंसिल किए गए हैं। साथ ही, विभाग द्वारा अन्य प्रकरणों में भी चालान किए गए हैं।

– संबंधित विभागों की समन्वित कार्यवाही

सड़क सुरक्षा अभियान के तहत राज्य सरकार के विभिन्न विभागों तथा जिला प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अभियान के तहत 45 वर्ष से अधिक आयु के बस व ट्रक ड्राइवरों की नेत्र जांच कर जरुरतमंद चालको को चश्मे वितरित किए। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न जिलों में सड़क किनारे झाड़ियाँ हटाने, स्पीड ब्रेकर सही करने, चेतावनी, संकेतक एवं साइन बोर्ड लगाने, अनाधिकृत कट बंद करने आदि कार्य किए गए। नगरीय विकास एवं स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करने, रोड लाइट्स दुरुस्त करने, निराश्रित पशुओं को सुरक्षित स्थान पर भेजने सहित विभिन्न कार्य किए गए।

जोधपुर के केरू ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता का समापन समारोह संसदीय कार्य मंत्री के मुख्य आतिथ्य में हुआ संपन्न
सांसद खेल महोत्सव 2025-जोधपुर के केरू ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता का समापन समारोह संसदीय कार्य मंत्री के मुख्य आतिथ्य में हुआ संपन्न, सांसद खेल महोत्सव से ग्रामीण परिवेश में खेल संस्कृति...

जयपुर,15 नवंबर। सांसद खेल महोत्सव के तहत जोधपुर के केरू ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता का समापन समारोह शनिवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केरू में संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। 

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया’ के विजन को साकार करने और सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए ‘सांसद खेल महोत्सव’ रूपी अभिनव पहल का शुभारंभ किया है। जिसके माध्यम से ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का कार्य होगा। उन्होंने कहा ऐसे आयोजनों से देश भर में खेलों के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण होगा और खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।

श्री पटेल ने कहा कि राजस्थान के युवा प्रतिभाशाली है तथा यहां की खेल प्रतिभाओं में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन की क्षमता है। उन्होंने कहा हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा खेल क्षेत्र में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं जिससे खिलाड़ी प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगे। 

‘खेलो राजस्थान’ से स्थानीय स्तर की प्रतिभाओं को मिलेगा मंच—

श्री पटेल ने कहा कि  ‘खेलो इंडिया’ यूथ गेम्स की तर्ज पर ‘खेलो राजस्थान’ यूथ गेम्स आयोजित करवाए जाएंगे। इससे स्थानीय स्तर की प्रतिभाओं को तराशा जाएगा। ग्रामीण युवाओं को खेल प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करने की दृष्टि से 3500 ग्राम पंचायतों में  ओपन जिम का निर्माण करवाया जाएगा। 

मिशन ओलंपिक से खिलाड़ियों को तैयारी के लिए मिलेगी विश्वस्तरीय सुुविधाएं—

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश का नाम खेल के क्षेत्र में उन्नति के शिखर पर ले जाने के लिए मिशन ओलंपिक- 2028 की शुरूआत की गई है। इसके माध्यम से प्रदेश के 50 सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को ओलम्पिक खेलों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।

हमारा संकल्प विकसित और समृद्ध केरू का निर्माण—

श्री पटेल ने कहा हमारा संकल्प विकसित और समृद्ध केरू का निर्माण करना है। उन्होंने कहा इस दिशा में केरू में महाविद्यालय, तहसील, ट्रॉमा सेंटर और अटल प्रगति पथ की सौगात दी गई है। उन्होंने कहा कि केरू के सैंड स्टोन की अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्टोन पार्क की स्थापना के लिए विशेष प्रयास करेंगें। उन्होंने कहा केरू क्षेत्र बेहतर और आधुनिक सड़क अवसंरचना के लिए प्रमुख सड़कों का निर्माण चरणबद्ध रूप से करवाया जा रहा है।

71 टीमों के 942 खिलाड़ियों ने लिया भाग—

केरू ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिता में 71 टीमों के 942 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में विजेता टीमें संसदीय क्षेत्र स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेंगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए उठाए अभूतपूर्व कदम
राज्यस्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह- आदिवासी समाज के गौरव भगवान बिरसा मुंडा हमारे प्रेरणास्रोत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए उठाए अभूतपूर्व कदम, जनजाति समुदाय ने...

जयपुर, 15 नवम्बर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जनजाति समुदाय ने सदियांे से प्रकृति, संस्कृति, साहस और सत्य के मार्ग को जीवंत रखा है। राजस्थान के हृदय में सबसे जीवंत और प्रखर धारा के रूप में हमारे आदिवासी भाई-बहन हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का इतिहास संघर्ष से भरा है, लेकिन उससे भी अधिक गौरवपूर्ण है। इन्होंने जल, जंगल और जमीन के साथ संतुलन बनाकर विश्व को जीना सिखाया है। त्योहार, गीतों और परम्पराओं से राजस्थान की पहचान को समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा कि जनजातियों के नृत्य में ताल ही नहीं, बल्कि पीढ़ियों की कहानियां समाहित हैं। इसी प्रकार, त्योहारों में रंग ही नहीं, आदिवासी गौरव की चमक भी बसती है। राज्य सरकार इन परम्पराओं को संजोने के साथ ही दुनिया के सामने गर्व से पेश करेगी। राज्य सरकार जनजाति कल्याण के लिए कृत-संकल्पित है।

श्री शर्मा शनिवार को डूंगरपुर के श्री भोगीलाल राजकीय महाविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हैं, तब हमें प्रदेश के उन अमर जननायकों का भी स्मरण करना चाहिए, जिन्होंने इस धरती को वीरता और बलिदान से पवित्र किया। गोविंद गुरु ने मानगढ़ की पहाड़ियों पर भील समाज को संगठित कर भगत आंदोलन का नेतृत्व किया। इसी प्रकार, वीर बालिका कालीबाई ने महज 12 वर्ष की आयु में अपने गुरु की रक्षा के लिए बलिदान दिया। ये सभी केवल नाम नहीं हैं बल्कि हमारी धरोहर और पहचान हैं। 

प्रधानमंत्री विकास को बना रहे सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्वसमावेशी- 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ‘विकास को सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्वसमावेशी बनाने के लिए निरन्तर कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं, जो नए भारत की आधारशिला बन रहे हैं। देश भगवान बिरसा मुंडा के निःस्वार्थ त्याग और राष्ट्रसेवा के लिए सदा ऋणी रहेगा, प्रधानमंत्री का यह वाक्य केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संकल्प है कि हम धरती आबा के आदर्शों के मार्ग पर निरंतर चलते रहेंगे।

जनजातीय बालिकाओं ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया देश का प्रतिनिधित्व-

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है। छात्रावासों में मैस भत्ता ढाई हजार से बढ़ाकर 3 हजार 250 रुपये प्रतिमाह, खेल अकादमियों में मैस भत्ता 2 हजार 600 से बढ़ाकर 4 हजार रुपये प्रति माह किया गया है। साथ ही, 232 नए मा-बाड़ी केंद्रों की स्थापना कर स्टाफ के मानदेय में दो वर्षों में लगातार 10-10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि की गई है। 8 लाख 39 हजार जनजाति किसानों को मुफ्त संकर मक्का बीज वितरण किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों में जनजाति कृषकों को 2 लाख 36 हजार मिनिकिट वितरित किए गए हैं। प्रदेश के 9 जिलों में 530 वन धन विकास केंद्रों का गठन कर डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लगभग 5 हजार जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया हैै। उन्होंने कहा कि तृतीय राष्ट्रीय लेक्रोस चैंपियनशिप में राज्य के जनजातीय प्रतिभा के 55 खिलाड़ियों ने 6 वर्गों में 5 स्वर्ण और 1 कांस्य पदक जीता है और लेक्रोस खेल में जनजातीय बालिकाओं ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एशियन चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व कर रजत पदक जीता है। 

प्रधानमंत्री की पहल से जनजातीय समुदायों का हो रहा सामाजिक-आर्थिक विकास-

शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक जनजाति समाज के योगदान को वह सम्मान नहीं मिला, जिसका वह हकदार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 से हर वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की। उनकी यह पहल इन समुदायों के महान योगदान, बलिदान और गौरवशाली विरासत को सच्चा सम्मान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने “सबका साथ-सबका विकास” के मूलमंत्र के साथ जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़कर उनका विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। प्रधानमंत्री ने गत वर्ष 2 अक्टूबर को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया। इस अभियान के माध्यम से बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका जैसी कमियों को दूर कर जनजातीय समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी तरह पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) शुरू कर कमजोर जनजातीय समूहों का सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण, बोस और पटेल ने स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व किया समर्पित- 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का है। साथ ही, राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने का भी है। बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की यह रचना सिर्फ गीत नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रभक्ति की आत्मा है। इसने स्वतंत्रता संग्राम के प्रत्येक सेनानी के हृदय में जोश और आस्था की ज्वाला प्रज्वलित की।

श्री शर्मा ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा से लेकर सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल तक सभी ने इसी भावना से शक्ति पाई, और भारत माता की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने जिस दूरदृष्टि और अदम्य साहस से देश की 562 रियासतों का एकीकरण किया, वह भारत की अखंडता की नींव है। उनके नेतृत्व में भारत केवल राजनीतिक रूप से नहीं, बल्कि भावनात्मक रूप से भी एक राष्ट्र बना। उनकी वही एकता की भावना आज धरती आबा बिरसा मुंडा के आदिवासी स्वाभिमान के संदेश से जुड़कर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को सशक्त बनाती है।

भगवान बिरसा मुंडा ने देश में जनक्रांति की लौ जलाई-

श्री शर्मा ने कहा कि 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलिहातु गांव में जन्मे भगवान बिरसा मुंडा ने अल्पायु में ही अन्याय और शोषण के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल बजा दिया। सामाजिक असमानता और अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों ने उनके अंतर्मन को विद्रोह से भर दिया। केवल 15 वर्ष की आयु में उन्होंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और 25 वर्ष की आयु में ‘उलगुलान आंदोलन’ का नेतृत्व कर पूरे देश में जनक्रांति की लौ जलाई। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आंदोलन ने देखते ही देखते पूरे संथाल परगना और छोटा नागपुर में क्रांति का रूप ले लिया, जिससे अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई। आंदोलन से अंग्रेज इतने डर गए कि उन्हें छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, एक महान समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जनजातीय समाज को नशा एवं जातीय संघर्ष जैसी बुराइयों को त्यागने और लोगों को एकजुट रहने, सत्य के मार्ग पर चलने और ईश्वर की उपासना के लिए प्रेरित किया। उनकी विरासत आज भी जनजातीय समाज के दिलों में जीवित है और उन्हें एक जननायक के रूप में याद किया जाता है।

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबू लाल खराड़ी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए। देश की आजादी में अपना बलिदान और योगदान देने वाले अनेकों जनजाति महानायकों के इतिहास को पहले कभी आमजन के सामने नहीं लाया गया। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान और गौरव को याद करने के लिए हर वर्ष जनजाति गौरव दिवस मनाने की शुरूआत की। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की है।

मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं शिलान्यास-

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने जनजातीय गौरव दिवस पर 87 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने 25 करोड़ की लागत से विभिन्न विद्यालयों और छात्रावासों में क्षमता वृद्धि एवं विभिन्न ग्राम पंचायतों में सौर ऊर्जा द्वारा संचालित सामुदायिक जलोत्थान सिंचाई योजना के कार्यों का लोकार्पण किया। साथ ही, 62 करोड़ की लागत से आवासीय विद्यालय, छात्रावास, खेल अकादमी और सड़क से जुड़े विभिन्न कार्यों के शिलान्यास की भी सौगात दी। 

श्री शर्मा ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के 53 हजार 766 लाभार्थियों को फार्म पौंड, डिग्गी, पाइपलाइन, तारबंदी, कृषि यंत्र, गोवर्धन उर्वरक योजना एवं विभिन्न खेती के कार्यों के लिए और कृषि की पढ़ाई कर रहीं छात्राओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में 200 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी की। उन्होंने 12 हजार से अधिक जनजाति छात्र-छात्राओं को पोशाक एवं स्टेशनरी के लिए 4 करोड़ 8 लाख रुपये की राशि हस्तान्तरित की। सीताबाड़ी मंदिर परिसर में सौन्दर्यीकरण, जीर्णोद्धार एवं विकास कार्य आरंभ किए तथा जनजाति भवन जयपुर में विभिन्न परीक्षाओं की कोचिंग के लिए जनजाति छात्राओं के आवासीय बैच का शुभारंभ किया। 

मुख्यमंत्री ने सिपेट जयपुर में जनजाति युवाओं के लिए निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया तथा आरकेसीएल द्वारा जनजाति युवाओं के लिए उदयपुर, डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा में 3 प्रशिक्षण ज्ञान केन्द्रों पर आरएस-सीआईटी कोर्स का शुभारम्भ किया। उन्होंने सौंध माटी आदि धरोहर प्रलेखन योजना की शुरूआत की और जनजातीय योजना व साहित्य से जुड़ी दो पत्रिकाओं का विमोचन किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्यों के लिए जनजाति गौरव सम्मान एवं शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए युवाओं को जनजाति प्रतिभा सम्मान भी प्रदान किया।

गुजरात के डेडियापाड़ा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित हुए जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शर्मा वीसी के माध्यम से जुड़े और प्रधानमंत्री के संबोधन को सुना। 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने जनजाति गौरव एवं विकास आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने ट्राइफेड, राजस व राजीविका द्वारा विभिन्न निर्मित उत्पादों एवं माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा निर्मित कलाकृतियों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने विभिन्न विभागों की स्टॉल्स पर लाभार्थियों को चैक, ट्राई साइकिल एवं स्कूटी का वितरण किया। 

इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री हेमन्त मीणा, सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम कुमार दक, सांसद श्री चुन्नीलाल गरासिया, श्री मन्नालाल रावत, विधायक श्री शंकर लाल डेचा, श्री फूलसिंह मीणा, श्री ताराचंद जैन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनजाति समाज के आमजन मौजूद रहे। 

बिहार चुनाव परिणाम: लाइव अपडेट, विजेता सूची और सीटों का पूरा विवरण
2025 के बिहार चुनाव में NDA की बंपर जीत और महागठबंधन की ऐतिहासिक हार ने राज्य में राजनीतिक संतुलन बदल दिया है। इस चुनाव से बिहार में जाति आधारित राजनीति...

2025 के बिहार चुनाव में NDA की बंपर जीत और महागठबंधन की ऐतिहासिक हार ने राज्य में राजनीतिक संतुलन बदल दिया है। इस चुनाव से बिहार में जाति आधारित राजनीति की जगह विकास, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक संतुलन वाली राजनीति को बढ़ावा मिला है​


बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एनडीए (BJP+JDU+सहयोगी) को ऐतिहासिक बहुमत दिलाया, जबकि महागठबंधन (RJD+Congress+सहयोगी) और अन्य दल पिछड़ गए। एनडीए को कुल 203 सीटें मिलीं, वहीं महागठबंधन को केवल 34, ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस (GDA) को 5 व अन्य को 1 सीट से संतोष करना पड़ा.

चुनाव परिणाम सारांश

पार्टी/गठबंधनसीटेंवोट प्रतिशत
NDA (BJP, JDU आदि)20349.0%
महागठबंधन (RJD आदि)3436.0%
GDA व अन्य615.0%

2025 के चुनावी परिणामों ने बिहार की राजनीति का समीकरण बदल दिया है, जहां NDA ने लगभग सभी क्षेत्रों में दबदबा दिखाया और विपक्ष लगभग सिमटकर रह गया.

इनफोग्राफिक्स: सीट वितरण

2025 के चुनाव परिणाम का रंगीन ग्राफिक्स देखें:

2025 Bihar Assembly Election Results: Seats by Alliance

चुनावी मुद्दों का विश्लेषण

  • रोजगार व युवा शक्ति: बेरोजगारी, छात्रों का पलायन और युवाओं का सवाल इस चुनाव में सबसे बड़ा बना रहा. NDA ने सामाजिक योजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर व महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखा—जबकि RJD ने रोजगार गारंटी और युवाओं को साधने का प्रयास किया।
  • जाति समीकरण: NDA को पिछड़ा, दलित, महिला व युवा मतदाताओं में व्यापक समर्थन मिला—जेडीयू ने EBC (अति पिछड़ा वर्ग) और भाजपा ने ऊंची जातियों के साथ कर्मठ गठजोड़ किया.
  • वोटर टर्नआउट व महिलाओं की भूमिका: रिकॉर्ड 67.1% मतदान हुआ, जिसमें महिला मतदाताओं की उल्लेखनीय भागीदारी दिखी.
  • विपक्ष का कमजोर प्रदर्शन और रणनीति: महागठबंधन (MGB) का MY समीकरण (मुस्लिम-यादव) इस बार काम नहीं आया; महिला, युवा और EBC समीकरण ने NDA को बड़ी बढ़त दिलाई.
  • चुनावी विवाद और आरोप: वोटर लिस्ट में बड़े स्तर पर नाम कटने और इलेक्ट्रोल रोल रिवीजन पर विपक्ष ने खूब विरोध किया, माईग्रेशन, भ्रष्टाचार व सुशासन पर जमकर बहस हुई.

प्रमुख क्षेत्रीय रुझान

  • एनडीए ने मगध, भोजपुर, मिथिलांचल और तिरहुत में ज्यादा बढ़त बनाई.
  • पटना, दरभंगा, वैशाली में लगभग क्लीनस्वीप नजर आया, जबकि सीमांचल में भी मजबूत प्रदर्शन रहा.

SEO के लिए आवश्यक प्रमुख बिंदु (Focus Keywords)

  • बिहार चुनाव 2025 परिणाम
  • NDA जीत, RJD की हार
  • बिहार विधानसभा सीटें
  • राजनीति विश्लेषण
  • बिहार चुनाव ग्राफिक्स
  • कास्ट समीकरण बिहार
  • महिला वोट बिहार चुनाव

निष्कर्ष

2025 के बिहार चुनाव में NDA की बंपर जीत और महागठबंधन की ऐतिहासिक हार ने राज्य में राजनीतिक संतुलन बदल दिया है। इस चुनाव से बिहार में जाति आधारित राजनीति की जगह विकास, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक संतुलन वाली राजनीति को बढ़ावा मिला है

अंता उपचुनाव 2025 परिणाम: भाजपा को झटका, कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया की बड़ी जीत
अंता उपचुनाव 2025: कांग्रेस की धमाकेदार वापसी, भाया की बड़ी जीत राजस्थान के बाराँ जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के आज घोषित हुए नतीजों में कांग्रेस उम्मीदवार...

अंता उपचुनाव 2025: कांग्रेस की धमाकेदार वापसी, भाया की बड़ी जीत

राजस्थान के बाराँ जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के आज घोषित हुए नतीजों में कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया ने शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने लगभग 69,462 वोट प्राप्त कर भाजपा उम्मीदवार मोरपाल सुमन को बड़े अंतर से हराया। यह सीट पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद खाली हुई थी।


🔥 कौन जीता? कितना अंतर रहा?

  • विजेता: प्रमोद जैन भाया (कांग्रेस)
  • कुल वोट: 69,462+
  • हारने वाले: मोरपाल सुमन (भाजपा)
  • जीत का अंतर: लगभग 15,600 वोट
  • मतदान प्रतिशत: लगभग 80%

उच्च मतदान प्रतिशत के बीच कांग्रेस को मिली यह जीत चुनावी विश्लेषकों के लिए खास मायने रखती है।


📊 राउंड-वाइज़ मतगणना का पूरा ट्रेंड

पहले 2 राउंड से ही प्रमोद जैन भाया ने बढ़त बना ली थी।

  • राउंड 5 से बढ़त स्थिर
  • राउंड 10 में अंतर 12,000+
  • अंतिम राउंड तक अंतर 15,600 के आसपास
    मतगणना के हर चरण में कांग्रेस ने अपनी स्थिति मजबूत बनाई।

🏛️ यह जीत क्यों महत्वपूर्ण है?

1. भाजपा का मजबूत किला हुआ कमजोर

अंता क्षेत्र में भाजपा की पकड़ लंबे समय से थी। भाया की जीत यह दिखाती है कि स्थानीय मुद्दों और जनसंपर्क का असर मतदाताओं पर बड़ा रहा।

2. कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला परिणाम

राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव “कमबैक सिग्नल” माना जा रहा है।

3. भाजपा के लिए चेतावनी

2018 और 2023 में मजबूत प्रदर्शन के बावजूद भाजपा को इस सीट पर हार मिली, जो रणनीति में बदलाव की मांग कर सकती है।


📍 सीट खाली क्यों हुई थी?

पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा को एक पुराने कानूनी मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके चलते इस सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा।


🗳️ मतदाताओं का रुझान—क्या संदेश देता है?

  • स्थानीय मुद्दों पर जनता अधिक फोकस कर रही है
  • कांग्रेस के संगठन ने गांव-स्तर पर मजबूत पकड़ बनाई
  • भाजपा द्वारा किए गए रोड शो, रथयात्रा और पूरे अभियान के बावजूद परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे

🎤 स्थानीय प्रतिक्रिया

मतदाताओं के अनुसार, भाया की जीत में उनके विकास कार्य, सरल स्वभाव और जमीनी संगठन ने बड़ी भूमिका निभाई।


🔮 अगले चुनावों पर असर

अंता उपचुनाव का परिणाम 2028 विधानसभा चुनावों के लिए एक संकेत माना जा रहा है।

  • कांग्रेस को नई ऊर्जा
  • भाजपा को रणनीति पुनर्गठन की जरूरत
  • स्थानीय नेताओं का महत्व फिर से बढ़ा

📌 निष्कर्ष

अंता उपचुनाव 2025 के परिणाम स्पष्ट संदेश देते हैं कि राजस्थान की राजनीति में बदलाव का दौर जारी है।
कांग्रेस ने इस सीट पर शानदार जीत हासिल कर यह साबित कर दिया कि मजबूत स्थानीय नेता चुनावी समीकरण बदल सकता है।

राजस्थान को विकास के नए आयाम देने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सार्थक पहल
मुख्यमंत्री का नई दिल्ली दौरा – राजस्थान को विकास के नए आयाम देने के लिए मुख्यमंत्री शर्मा की सार्थक पहल, केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर प्रदेश के शहरी विकास, ऊर्जा,...

मुख्यमंत्री का नई दिल्ली दौरा – राजस्थान को विकास के नए आयाम देने के लिए मुख्यमंत्री शर्मा की सार्थक पहल, केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर प्रदेश के शहरी विकास, ऊर्जा, जल परियोजनाओं एवं कौशल विकास पर की चर्चा – राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाओं के मद्देनजर विद्युत निकासी के सुदृढ़ीकरण को लेकर हुई अहम चर्चा – फिरोजपुर फीडर रिलाइनिंग व रामजल सेतु लिंक परियोजना पर हुआ मंथन

 मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास को नए आयाम देने की दिशा में शहरी विकास, ऊर्जा, जल परियोजनाओं एवं कौशल विकास से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा की।

                मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल से भेंट के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की। बैठक में राजस्थान में भारत के सौर ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने की अपार संभावनाओं को देखते हुए विद्युत निकासी के सुदृढ़ीकरण को लेकर सार्थक चर्चा की गई।

टॉवर बेस मुआवजा दर, डी.एल.सी. की 400 प्रतिशत तक-

                बैठक में अवगत कराया गया कि किसानों के हित में टॉवर बेस मुआवजा दर को डी.एल.सी. दर के 400 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है जबकि कॉरिडोर मुआवजा ग्रामीण क्षेत्रों में 30 प्रतिशत, नगरपालिका क्षेत्रों में 45 प्रतिशत तथा नगर निगम क्षेत्रों में 60 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

डिस्कॉम्स की ए.टी. एण्ड सी. हानियों में आ रही कमी-

                बैठक में यह भी बताया गया कि ए.टी. एण्ड सी. हानियों में लगातार कमी आ रही है। इसी क्रम में जयपुर एवं अजमेर डिस्कॉम अब 15 प्रतिशत के स्तर से नीचे आ चुके हैं। साथ ही, आर.डी.एस.एस. योजना के क्रियान्वयन की गति में सुधार किया गया है।

                मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ऊर्जा विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। साथ ही, उन्होंने जयपुर मेट्रो के चरण-2 की डीपीआर स्वीकृति को लेकर भी विस्तृत चर्चा की।

मुख्यमंत्री की केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मुलाकात-

                मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल से मुलाकात के दौरान प्रदेश में जल आपूर्ति, जल संचयन सहित जल परियोजनाओं पर वार्ता की। दोनों के मध्य फिरोजपुर फीडर रिलाइनिंग एवं रामजल सेतु लिंक परियोजना की प्रगति को लेकर सार्थक चर्चा हुई। इस दौरान प्रदेश में चल रहे कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान की सफलता की सराहना की गई।

मुख्यमंत्री की केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री से मुलाकात-

                इसके बाद मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी से भी मुलाकात की। इस दौरान श्री शर्मा एवं श्री चौधरी के मध्य केंद्र सरकार के सहयोग से राजस्थान को स्किल डवलपमेंट हब बनाने से जुड़े रोडमैप पर चर्चा की गई।

राजस्थान की आत्मा का उत्सव बनकर उभरेगा घूमर फेस्टिवल – 2025 :- दिया कुमारी
पर्यटन और कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने कहा है कि राजस्थान की पहचान उसकी रंग-बिरंगी संस्कृति, समृद्ध परंपराओं एवं जीवंत लोकनृत्यों तथा लोक भावनाओं में बसती है। घूमर...

प मुख्यमंत्री तथा पर्यटन और कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने कहा है कि राजस्थान की पहचान उसकी रंग-बिरंगी संस्कृति, समृद्ध परंपराओं एवं जीवंत लोकनृत्यों तथा लोक भावनाओं में बसती है। घूमर केवल एक नृत्य नहीं बल्कि राजस्थान की आत्मा है। यह नृत्य हमारे प्रदेश की गौरवशाली कला-संस्कृति और नारीशक्ति के उमंग और उत्साह की लय-तालबद्ध लोक अभिव्यक्ति है। 

दिया कुमारी ने राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत एवं राजस्थान पर्यटन आयुक्त रूकमणि रियाड़ की उपस्थिति में पर्यटन भवन में गुरूवार को आयोजित घूमर फेस्टीवल-2025 के पोस्टर विमोचन और प्रेस कॉन्फ्रेन्स में उक्त विचार व्यक्त किए। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार हमारी सांस्कृतिक धरोहरों, विरासतों का संरक्षण और संवर्द्धन का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में राजस्थान सरकार द्वारा कला, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के माध्यम से पहली बार घूमर फेस्टिवल- 2025 का आयोजन आगामी 19 नवम्बर बुधवार को किया जा रहा है। 

दिया कुमारी ने समस्त प्रदेशवासियों, बहनों, बेटियों और कला-प्रेमियों को घूमर फेस्टीवल-2025 में राजस्थानी पारंपरिक वेशभूषा में कार्यक्रम स्थल पर पधारने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से हमारे लोकनृत्य घूमर की गरिमा और भी निखरेगी, और यह आयोजन राजस्थान की आत्मा का उत्सव बनकर उभरेगा। 

सभी संभाग स्तर पर भव्य आयोजन—

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अपने आप में ऐतिहासिक है कि घूमर महोत्सव-2025 राज्य के सातों संभाग मुख्यालयों जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर, कोटा और भरतपुर में एक ही दिन 19 नवंबर को एक ही समय पर भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा। 

यह राज्यव्यापी आयोजन अजमेर के खेल स्टेडियम, सम्राट पृथ्वी राज राजकीय महाविद्यालय में, भरतपुर में विश्वप्रिय शास्त्री पार्क में तथा कार्यशाला, व्यायामशाला, मास्टर आदित्येंद्र सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भरतपुर में, बीकानेर में डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में तथा कार्यशाला, महारानी बालिका विद्यालय, डॉ. कर्णी सिंह स्टेडियम के सामने, जोधपुर में राजकीय उम्मेद स्टेडियम में, जयपुर में फुटबॉल ग्राउंड, विद्याधर नगर स्टेडियम में तथा कार्यशाला, जेकेके में, कोटा में शौर्य घाट, चम्बल नदी तट पर, उदयपुर मे भण्डारी दर्शक मण्डप मंे तथा कार्यशाला,  दीन दयाल उपाध्याय सभागार, नगर निगम उदयपुर में किये जायेेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संभाग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो स्थानीय स्तर पर सभी व्यवस्थाओं का समन्वय सुनिश्चित करेंगे।

जयपुर में राज्य स्तरीय आयोजन—

उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बताया कि राज्यस्तरीय मुख्य आयोजन विद्याधर नगर स्टेडियम, जयपुर के फुटबॉल ग्राउंड पर बुधवार, 19 नवम्बर को दोपहर 3 बजे से शाम 6ः30 बजे तक आयोजित होगा। इस अवसर पर गणगौर घूमर डांस अकादमी की कार्यकारी निदेशक श्रीमती ज्योति तोमर के निर्देशन में कलाकार पारंपरिक लोकसंगीत पर मनोहारी घूमर नृत्य प्रस्तुत करेंगे।

सांस्कृतिक एकरूपता और नवाचार—

इस महोत्सव के लिए विशेष रूप से एक साउंड ट्रैक तैयार किया गया है, जिस पर सभी सातों संभागों में एक साथ नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा।

सहभागिता और पात्रता—

इस फेस्टिवल में 12 वर्ष से अधिक आयु की बालिकाएं तथा किसी भी आयु की महिलाएं भाग ले सकती हैं। यह एक ओपन और समावेशी मंच है जिसमें स्कूल-कॉलेज की छात्राएं, गृहणियाँ, प्रोफेशनल डांसर, कार्यरत महिलाएं और सांस्कृतिक संस्थाओं की सदस्याएँ सहभागिता कर सकती हैें।

वर्कशॉप्स एवं प्रशिक्षण—

सभी सातों संभागीय शहरों में निःशुल्क प्रशिक्षण वर्कशॉप्स आयोजित की जा रही हैं।

जयपुर में यह 6 दिवसीय वर्कशॉप (11 से 16 नवम्बर 2025) जवाहर कला केंद्र में आयोजित है, जहाँ अनुभवी नृत्यगुरु प्रतिभागियों को पारंपरिक घूमर शैली में प्रशिक्षित कर रहे हैं।

ऑनलाइन पंजीकरण-

सभी इच्छुक प्रतिभागी राजस्थान पर्यटन विभाग की website: ghoomar.rajasthan.gov.in पर निःशुल्क पंजीकरण कर सकते हैं।

पुरस्कार एवं सम्मान

राज्य स्तरीय आयोजन में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले समूहों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत किया जाएगा। जिसमें बेस्ट गु्रप डांस, बेस्ट गु्रप कॉस्ट्यूम, बेस्ट गु्रप ज्वैलरी, बेस्ट गु्रप सिंक्रोनाईजेशन, बेस्ट गु्रप कॉरियोग्राफी के पुरस्कार सम्मिलित है।

पोस्टर विमोचन और श्री गणेश चित्र पूजन—

उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर्यटन भवन के हॉल श्री गणेश भित्ति चित्र का आरम्भ में पूजन किया गया। वहीं उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत एवं राजस्थान पर्यटन आयुक्त रुक्मणि रियाड़ के संग पर्यटन विभाग द्वारा तैयार करवाये हुए घूमर फेस्टिवल- 2025 का पोस्टर विमोचित किया।

उद्योग, शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य, जल पर आयोजित किए जाएँगे सेक्टोरल सेशंस
प्रवासी राजस्थान दिवस जयपुर, 13 नवंबर।  राजस्थान के वैश्विक जुड़ाव को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य सरकार 10 दिसंबर 2025 को जेईसीसी, जयपुर में...

प्रवासी राजस्थान दिवस


जयपुर, 13 नवंबर।  राजस्थान के वैश्विक जुड़ाव को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य सरकार 10 दिसंबर 2025 को जेईसीसी, जयपुर में आयोजित होने वाले पहले ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ के दौरान प्रवासी राजस्थानियों के साथ सेक्टोरल सेशंस आयोजित करेगी।

मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के दूरदर्शी नेतृत्व में आयोजित इस सेक्टोरल सेशंस में प्रवासी राजस्थानी, उद्योग जगत के प्र​तिनिधि और उद्योग, शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य और जल जैसे विभिन्न क्षेत्रों के नीति निर्माता NRR राउंडटेबल  के साथ-साथ शामिल होंगे।

प्रगतिशील नीतियों द्वारा समर्थित, राजस्थान का तेज़ी से बढ़ता औद्योगिक परिदृश्य निवेश और नवाचार के नए अवसर प्रदान करता है। उद्योग को समर्पित एक सत्र में NRR को राजस्थान की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने पर अपने विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

राजस्थान के सबसे मजबूत आर्थिक स्तंभों में से एक पर्यटन, विरासत, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पर्यटन में नए आयाम खोलने पर केंद्रित होगा, जिसमें शेखावाटी और उसकी प्रतिष्ठित हवेलियों जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा।

शिक्षा सेशन में डिजिटल पहुँच, कौशल प्रशिक्षण और उच्च शिक्षा को बढ़ाने के लिए पहलों पर प्रकाश डाला जाएगा और सहयोग की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। इसी प्रकार, स्वास्थ्य सेशन में बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए साझेदारी बनाने हेतु चिकित्सा अवसंरचना, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के विशेषज्ञ एक साथ आएंगे।

जल पर सेशन में, सतत जल प्रबंधन, पारंपरिक जल संरचना पुनरुद्धार और रामजल सेतु लिंक परियोजना जैसी परियोजनाओं पर चर्चा होगी, जो दीर्घकालिक जल सुरक्षा के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी।

इन संवादों के अलावा, राज्य भर में उद्योग, परोपकार और सामुदायिक विकास के अवसरों से प्रवासी राजस्थानियों को जोड़ने के लिए एक विशेष NRR राउंडटेबल  का भी आयोजन किया जाएगा।

ये सेक्टोरल सेशंस केवल चर्चा के लिए ही नहीं, बल्कि साझेदारी के मंच के रूप में भी तैयार किए गए हैं। वे प्रवासी राजस्थानियों को राज्य सरकार के साथ अपने अनुभव, दृष्टिकोण और सुझाव साझा करने का अवसर प्रदान करेंगे।

अंटा विधानसभा चुनाव 2025: भारी मतदान, भाजपा प्रत्याशी को मिला जबरदस्त जनसमर्थन
अंटा। मंगलवार को अंटा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी महापर्व का उल्लास देखने को मिला। पूरे क्षेत्र में मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की भारी भीड़ उमड़ी। जनता ने...

अंटा। मंगलवार को अंटा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी महापर्व का उल्लास देखने को मिला। पूरे क्षेत्र में मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की भारी भीड़ उमड़ी। जनता ने लोकतंत्र की इस प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर भागीदारी की।

इस बार भाजपा प्रत्याशी को जनता की ओर से जबरदस्त समर्थन मिला। युवा, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिक सभी ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर क्षेत्र के विकास और स्थिर राजनीति की उम्मीद जताई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी चुनाव के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई, जिससे प्रत्याशी को चुनावी मैदान में मजबूती मिली।

वहीं, कांग्रेस के प्रमुख प्रत्याशी भाईया और नरेश मीणा को जनता का अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। स्थानीय मतदाताओं ने बताया कि वे भाजपा के विकल्प में अधिक विश्वास जताते हैं क्योंकि उन्हें क्षेत्र में बेहतर विकास और सशक्त नेतृत्व की उम्मीद है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस चुनाव में भाजपा की स्थिति मजबूत दिखाई दे रही है। अब सभी की निगाहें आगामी 5 दिसंबर को होने वाले चुनाव परिणामों पर हैं, जो क्षेत्र की भविष्य की दिशा तय करेंगे।

वर्तमान मतदान प्रतिशत

अंता विधानसभा सीट पर इस बार कुल 80.32 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग समान है। 2023 के चुनाव में यह आंकड़ा 81 प्रतिशत था, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि इस बार भी मतदान प्रतिशत लगभग यही रहेगा। मतदान के दिन सुबह से ही सरल और शांतिपूर्ण माहौल रहा, और कुल 227,264 मतदाताओं में से लगभग 183,171 मत पड़े हैं.

पिछले साल का विश्लेषण

2023 में इस सीट पर मतदान का प्रतिशत 80.3 था, जो इस बार के लगभग समान है। इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के कारण मतदाताओं का उत्साह और मतदान प्रतिशत दोनों में वृद्धि की उम्मीद थी। हालांकि, अभी के आंकड़ों के अनुसार, वोटिंग प्रतिशत पिछले चुनाव के समान ही रहा, जिससे किसी बड़े बदलाव की संभावना कम है।

चुनाव का माहौल और प्रतिस्पर्धा

इस बार मुकाबला मुख्य रूप से भाजपा के मोरपाल सुमन, कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के बीच है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का समर्थन बढ़ा है, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार को अपेक्षाकृत कम समर्थन मिला है। मतदान के प्रतिशत में अधिक बदलाव न होने से यह संकेत मिल रहा है कि नतीजों में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।

अंतिम नतीजों की अपेक्षा

अंतिम परिणाम 14 नवंबर को अपेक्षित हैं, लेकिन अब तक सामने आए आंकड़ों से लगता है कि भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय के बीच मुकाबला कड़ा रहेगा। मतदान का प्रतिशत और जनता का रुझान दिखाता है कि इस सीट पर परिणाम लगभग पिछले चुनाव जैसे ही रह सकते हैं।